किरण बेदी की जीवन कहानी

किरण बेदी एक सामाजिक कार्यकर्ता और रिटायर्ड आईपीएस हैं जिन्होंने 1972 में पुलिस सेवा में प्रवेश के बाद 2007 में सेवा से रिटायमेंट ले लिया था। वे लोकप्रिय टीवी सीरिज ‘आप की कचहरी’ की होस्ट भी रह चुकी हैं। उन्होंने दो गैर-सरकारी संगठन भी बनाए हैं जिनमें से एक को नवज्योति इंडिया फाउंडेशन और दूसरे को इंडिया विजन फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है. किरण बेदी को पहली महिला आई पी एस (१९७२) के रूप मे भी जाना जाता है, उन्होने विभिन पदों पर रहते हुये समाज को कोई नई दिशा दी और सुधार के सकरात्मक कदम उठने मे सहयोग करते रहे. गलैत्री अवार्ड से लेकर मैग तक अवार्ड तक किरण बेदी को प्राप्त हो चुके है|
न डर न कुर्सी का संकोच ट्रैफिक कमिश्नर, दिल्ली की जिमेदारियो को उन्होने इतनी गंभीरता से निभाया की ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वाले लोग सही हो गये ,इसी पद पर रहते हुई उन्होने तत्कालीन प्रधान मंत्री इंद्रा गाँधी की गाड़ी को भी क्रेन से हटाने मे कोई संकोच न किया ,वजह एक ही थी ट्रैफिक नियमों का उलंघन यही से वो लोगो के लिये बन गई क्रेन बेदी.भ्रस्ताचार के दीमक को सामोल मिटाना चाहती है. उदयपर्क के हाई टैक मे जब किरण बेदी से मिलने गये तो उनके जीवन से जुडे ऐसे कई पहलुओ से परिचित हुई.
वह इस बात को जोर देती है की भीतर की योगता को विकसित करो ,आसमान खुद ब खुद नज़र आ जायेगा |जो जाया काबिल हो वह हे चुना जाये सिस्टम ऐसा हे होना चाहेये |लडकियों को आगे बदने के लिये बैसाखी नही बल चाहेये | शारीरिक और मानसिक बल जिस दिन यह बल उनमे आ जायेगा वह खुद को कमजोर नही महसूस नही करेगी | हर स्त्री के भीतर एक चिंगारी है एक प्रतिभा है पर उसे समैझ्ने वाला और उसे बहार लाने वाला और कोई नही येही आत्मिक बल है |

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